गेहूं में खरपतवार नाशक चोड़ी व पतली पती नियंत्रण के लिए यह दवाई डाले

गेहूं में खरपतवार नाशक (घास) चौड़ी पती व पतली पती खरपतवार नाशक के बारे में बताते हैं। खरपतवार ऐसे पौधों को कहते हैं। जो पौधे बिना बुवाई के ही खेत में उग (अंकुरित) हो जाते हैं। जिससे बुवाई की हुई फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे उत्पादन में 10 से 20 प्रतिशत की कमी हो जाती है। 

आपको गेहूं में दोनों प्रकार के खरपतवार नाशक (घास) चौड़ी पती व पतली पती के खरपतवार होने पर उत्पादन में अधिक प्रभाव डालते हैं। इसलिए खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग करना अधिक जरूरी होता है। जिससे आपके उत्पादन में वृद्धि हो सके खरपतवार को कंट्रोल करने के लिए गेहूं का खेत तैयार करते समय बिजाई से पहले भी कंट्रोल किया जा सकता है। और बुवाई के बाद खरपतवार उगने पर भी नष्ट किया जा सकता है। आज हम इस पोस्ट में खरपतवार घास उगने पर जब दो-तीन पती का खरपतवार हो जाता है। तो उसको किस प्रकार से नष्ट करते हैं। इसके बारे में जानकारी देते हैं।

गेहूं में पतली पत्ती वह चौड़ी पत्ती खरपतवार कौन-कौन से होते हैं। इसका नाम जानते हैं।

गेहूं में पतली पत्ती खरपतवार (घास) जंगली जोई ,गुल्ली डंडा प्याज, रैगास, चार लोक,मंडूसी, ब्रोम इत्यादि 

गेहूं में चौड़ी पत्ती खरपतवार (घास) मालवा ,जंगली ,पालक हिरंखुरी, बथुआ इत्यादि 

गेहूं में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए फर्स्ट सिंचाई होने व गेहूं के बजाई होने के 30 से 35 दिन की फसल होने पर जब घास की दो तीन पत्तियां हो जाती है। उसके बाद खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग कर सकते हैं। और फसल में पर्याप्त नमी होनी चाहिए

1. गेहूं में पतली पत्ती खरपतवार नियंत्रण

गेहूं में पतली पत्ती खरपतवार के लिए 

clodinafop propargyl 15% wp साल्ट

कंपनी का नाम syngenta – Topik swal – Toppik दवाई का उपयोग करते हैं।

Dose:- 160 ग्राम प्रति एकड़ 120 से 150 लीटर पानी में डालकर स्प्रे पंप से छिड़काव करे।

Sulfosilfuron 75%wp साल्ट

SumiTomo – Leader Gdarda – Safal 75  

 दवाई का उपयोग करें

Dose:- 13 ग्राम प्रति एकड़ 180 से 200 लीटर पानी में डालकर स्प्रे पंप से छिड़काव करे।

2. गेहूं में चौड़ी पत्ती खरपतवार नियंत्रण

गेहूं में चौड़ी पत्ती खरपतवार नियंत्रण के लिए 

D Amine salt 58% sl साल्ट

दवाई का उपयोग करें

2,4Note:- 2,4D  ethyle ester 38% ac 

सप्रे का प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे अगली फसल में जर्मिनेशन में समस्या आती है। और फसल की उत्पादन में भी प्रभाव पड़ता है।

Dose:- 400ml प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी में डालकर स्प्रे पंप से छिड़काव करें

Metsulfuron mathyl 20% wp साल्ट

Dupont – Algrip IFFCO – makoto

दवाई का उपयोग करें

Dose:- 8 ग्राम प्रति एकड़ में डेढ़ सौ से 200 लीटर पानी डालकर स्प्रे पंप से छिड़काव करें 

3. चौड़ी पत्ती और संकरी पत्ती खरपतवार  नियंत्रण के लिए

Clodinafop Propargyl 15% 

साथ में Metsulfuron Methyl 1% (Mix combination) साल्ट 

Sawl, sandesh UPL, vesta

दवाई का उपयोग करें

Dose:- 160 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के साथ स्प्रे पंप से छिड़काव करे

Sulfosulfuron 75% + Metsulfuron 5%WG (Mix combination)

UPL, Total Sawal, Sata Sat

दवाई का उपयोग करें

Dose:- 20 ग्राम प्रति एकड़ डेढ़ सौ से 200 लीटर पानी के साथ स्प्रे पंप से छिड़काव करें 

Clodinafop Propargyl 12% + Metribuzin 42%wg (Mix combination)

UPL,Shagun 21–11

 Dose:- 200 ग्राम प्रति एकड़ 125 से 150 लीटर पानी के साथ स्प्रे पंप से छिड़काव करें

Clodinafop Propargyl 12% + Metribuzin 42%wg (Mix combination)

UPL – Shagun 21 – 11

Dose:- 200  ग्राम प्रति एकड़ 125 से 150 लीटर पानी के साथ स्प्रे पंप से छिड़काव करें

खरपतवार नाशक दवाई के प्रयोग में सावधानियां

  • खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग अनुचित मात्रा में करना चाहिए न कम और न ज्यादा दवाई का उपयोग करें
  • भोजन करने के बाद यानी खाली पेट खरपतवार नाशक दवाई का छिड़काव नहीं करना चाहिए
  • दवाई का छिड़काव करने वाले स्प्रे पंप को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए दवाई का छिड़काव करने से पहले और बाद में अच्छी तरह से साफ होना चाहिए पंप 
  • दवाई का छिड़काव करते समय शरीर का कोई भी अंग दवाई के संपर्क में काम से कम आना चाहिए 
  • खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग शाप मौसम में धूप निकलने पर ही करना चाहिए
  • दवाई का छिड़काव करने के तुरंत बाद सिंचाई नहीं करनी चाहिए 5-7 दिन बाद सिंचाई कर सकते हैं। 
  • खरपतवार नाशक बॉक्स बोतल को नष्ट कर देना चाहिए 
  • दवाई का छिड़काव करते समय तेज हवा न चलती हो तब छिड़काव करना चाहिए 
  • दो या दो से अधिक दवाई का घोल अलग-अलग बनाना चाहिए 
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मैं एक किसान हूं और कृषि व खेती-बाड़ी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करता हूं। मेरा उद्देश्य पारंपरिक और आधुनिक खेती तकनीकों, जैविक खेती, फसलों की देखभाल, मिट्टी संरक्षण और कृषि से जुड़े नवाचारों की जानकारी किसानों तक पहुँचाना है। खेती सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक कला और विज्ञान है, जिसे सही ज्ञान और परिश्रम से और अधिक लाभदायक बनाया जा सकता है।"

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