गेहूं में दाने मोटे कैसे करें

गेहूं रबी सिजन की प्रमुख फसलों में मानी जाती है जिसे किसान अधिकता में गेहूं की खेती को करते हैं। यह कम जोखिम वाली फसल है। किसानों को गेहूं की फसल में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसा कि दाने मोटे न होना, गेहूं के दाने सिकुड़ जाना, गेहूं की फसल की अच्छी बड़वार व बोलियों का छोटा होना एक प्रमुख समस्या है।गेहूं में दाने मोटे कैसे करें। गेहूं की फसल का अच्छा उत्पादन वह फसल में दाने मोटे करने के लिए सही समय पर सिंचाई व खाद की सही मात्रा का ध्यान रखना व समय-समय पर उर्वरकों और पोषक तत्वों का उपयोग बहुत जरूरी होता है। अगर आप हमारे द्वारा इस पोस्ट में दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ते हैं। तो आपको गेहूं में दाने मोटे केसे करे। से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाएगी जिससे आप अपनी फसल गेहूं में दाने मोटे कैसे करें जानते हैं

गेहूं में दाने मोटे कैसे करें

किसान दोस्तों, गेहूं में दाने मोटे कैसे करें इसके लिए सबसे पहले है महत्वपूर्ण सिंचाई कई बार आपने देखा होगा कि सही समय पर सिंचाई न करने से गेहूं की फसल में दाने पतले व बारीक रह जाते हैं। और बालियान छोटी और कमजोर रहती है।

जब आपकी फसल 50 से 60 दिन की हो जाती है। जब आपकी गेहूं में बालियां निकलनी शुरू होती है। उस समय सिंचाई का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। गेहूं की फसल में नमी बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। उस समय आपको सिंचाई करने से चूकना नहीं चाहिए। आपको समय-समय पर जमीन में नमी को ध्यान में रखते हुए सिंचाई कर देनी चाहिए। और पर्याप्त नमी बनाए रखना चाहिए।

गेहूं में दाने मोटे कैसे करें इसके लिए समय-समय पर खाद और उर्वरको का उपयोग बहुत जरूरी होता है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है। यूरिया यूरिया का उपयोग समय पर कर लेना चाहिए गेहूं में यूरिया 1 एकड़ में 120 किलो की जरूरत होती है। जो फर्स्ट और सेकंड और थर्ड सिंचाई के टाइम समान मात्रा में बांटकर पूरी कर देनी चाहिए। जीस से आपकी फसल अच्छा उत्पादन दे और गेहूं की बालियां और कले मजबूत बन सके।

गेहूं की फसल में उर्वरको का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है। जिसमें से जिंक,पोटाश, फॉस्फोरस का उपयोग गेहूं की फसल में दाने मोटे करने के लिए बहुत जरूरी होता है। इसका उपयोग फसल के 60 दिन की अवस्था से पहले पर्याप्त मात्रा में कर लेना चाहिए। गेहूं में दाने मोटे करने के लिए गेहूं में 1 एकड़ में 5 किलो जिंक फर्स्ट सिंचाई के टाइम देनी चाहिए और पोटाश का उपयोग गेहूं की बिजाई से पहले खेत तैयार करते समय 1 एकड़ में 30 से 40 किलो के हिसाब से पोटाश का छिड़काव कर देना चाहिए। डीएपी मैं फास्फोरस 46% होता है। जिसका उपयोग गेहूं की बिजाई के टाइम गेहूं के बीज के साथ 20 किलो और फर्स्ट सिंचाई में 40 किलो के हिसाब से डालना चाहिए कुल 60 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से देनी चाहिए। जिससे आपकी गेहूं में दाने मोटे और मजबूत होंगे।

मुझे उम्मीद है। हमारे द्वारा की भी जानकारी इस पोस्ट में आपको पसंद आई होगी अगर आपको जानकारी पसंद आई है। तो इस पोस्ट को दूसरों के साथ शेयर करें। धन्यवाद!

नोट:-यह पोस्ट किसानों के अनुभव और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। किसी भी तकनीक को अपनाने से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

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मैं एक किसान हूं और कृषि व खेती-बाड़ी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करता हूं। मेरा उद्देश्य पारंपरिक और आधुनिक खेती तकनीकों, जैविक खेती, फसलों की देखभाल, मिट्टी संरक्षण और कृषि से जुड़े नवाचारों की जानकारी किसानों तक पहुँचाना है। खेती सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक कला और विज्ञान है, जिसे सही ज्ञान और परिश्रम से और अधिक लाभदायक बनाया जा सकता है।"

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