गेहूं में यूरिया का उपयोग बहुत जरूरी होता है इसके बगैर गेहूं की फसल में अच्छा उत्पादन प्राप्त नहीं कर सकते यूरिया में 46% नाइट्रोजन होता है। जिससे गेहूं के पौधों में नाइट्रोजन की पूर्ति हो जाती है। नाइट्रोजन गेहूं के पौधों को मिलने से गेहूं के पत्ते हरे-भरे हो जाते हैं। और पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है। और गेहूं के दानों में चमक व मोटे दाने तैयार होते हैं।और तना मजबूत हो जाता जिससे फसल का उत्पादन बढ़ जाता है।
गेहूं में यूरिया का छिड़काव ज्यादातर किसान दो या तीन भागों में बा॑टकर अपने खेत में डालते हैं। लेकिन कुछ किसान यूरिया को एक साथ में ही फर्स्ट सिंचाई में ही डाल देते है जिससे गेहूं के उत्पादन में नुकसान होता है। कृषि वैज्ञानिक बताते हैं। गेहूं में कब और कितनी मात्रा यूरिया की देनी चाहिए इसके बारे में जानते हैं।यूरिया की मात्रा एक बीघा की बताते हैं। बीघा 165 × 165 फुट का होता है
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गेहूं में यूरिया का महत्व
• यूरिया में 46% नाईट्रोजन की मात्रा पाई जाती है। जिससे पौधों में क्लोरोफिल बनता है।
• यूरिया से पौधों में प्रकाश संश्लेषण बढ़ता है। जिससे पौधे ज्यादा ऊर्जा प्राप्त कर पाते हैं।
• यूरिया नाइट्रोजन 46% से गेहूं में पैदावार बढ़ जाती है।
• गेहूं में यूरिया से गेहूं की बलियों में तानों की संख्या बढ़ जाती है। और दाने मोटे और मजबूत बनते हैं।
• यूरिया से गेहूं के पौधे हरे-भरे व चमकदार बन जाते हैं।
गेहूं में यूरिया की मात्रा
एक बीघा मे यूरिया यानी 165×165 फुट में
गेहूं में यूरिया की मात्रा दो बैग तक डालनी चाहिए यानी 90 किलो तक यूरिया गेहूं के खेत में डालनी चाहिए एक बैग यूरिया का वजन 45 किलो का होता है गेहूं में यूरिया तीन बार में डाल देनी चाहिए
- गेहूं में यूरिया फर्स्ट सिंचाई के टाइम 35 किलो डालनी चाहिए जब आपकी गेहूं 21 से 25 दिन की अवस्था में हो
- गेहूं में यूरिया दूसरी सिंचाई के टाइम जब आपकी गेहूं टेलरिंग अवस्था में हो फर्स्ट सिंचाई के 15 दिन बाद दूसरी सिंचाई करते समय गेहूं के बिजाई के 35 से 40 दिन की हो जाने पर। 35 किलो यूरिया का उपयोग करना चाहिए
- गेहूं में यूरिया तीसरी सिंचाई के टाइम बची हुई
- डोज 20 किलो डाल देनी चाहिए तीसरी सिंचाई करते समय आपकी फसल 50 से 60 दिन की हो जाती है और 60 दिन की फसल होने के बाद यूरिया का उपयोग नहीं करना चाहिए
गेहूं में 60 दिन के बाद लेट यूरिया डालने के नुकसान
अगर आप 60 दिन के बाद गेहूं में यूरिया का छिड़काव करते हैं तो आपको फसल में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- जब आपकी फसल 60 दिन की हो जाती है। तब यूरिया डालने से गेहूं के पौधों की बढ़वार ज्यादा हो जाती है जीस से गेहूं के पौधे गिरने की आशंका रहती है जिस से आपकी गेहूं की पैदावार घट सकती है।
- 60 दिन के बाद और अधिक यूरिया डालने से आपकी फसल में किट और फंगस आने की समस्या बन जाती है।
- 60 दिन के बाद और अधिक यूरिया डालने से आपका खर्च बढ़ जाता है जैसे आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
- जब आपकी फसल 60 दिन की हो जाती है। तब कच्ची अवस्था में हरी भरी होती है। जिससे गेहूं में तेले की समस्या आ सकती है।
Note:- 60 दिन का मतलब यानी आपकी फसल गोभ अवस्था में हो यानी बलिया निकलने वाली हो और चौथा पानी लगाने का टाइम हो उस टाइम यूरिया का उपयोग नहीं करना चाहिए
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